दगा दोस्ती में न तुम यार करना।

दगा दोस्ती में न तुम यार करना। कभी पीठ पीछे न तुम वार करना।। करेंगे न हद पार हम दोस्ती की। कि तुम भी कभी ये न हद पार करना।। अगर हम करें जिद कभी जीतने की। तो हँस कर ही तुम हार स्वीकार करना।। कभी दूर से चल के आए कोई तो। सदा हँस … Continue reading दगा दोस्ती में न तुम यार करना।